Sawan(श्रावण) का महीना
सावन, हिंदू पंचांग में आने वाले मासिक महीनों में से एक है और इसे श्रावण (Shravan) मास भी कहते हैं। यह मास हिंदू कैलेंडर में साधारण रूप से जुलाई-अगस्त के मध्य आता है। सावन मास हिंदू धर्म के अनुसार पावन माना जाता है और इसे विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों से भरा हुआ माना जाता है।
कुछ प्रमुख कारणों से, सावन मास को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है:
- शिवरात्रि: सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को शिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और उनका विशेष भक्ति अर्चना की जाती है।
- कांवड़ यात्रा: Sawan में ही कांवड़ यात्रा की जाती है, जिसे मैंने पहले भी बताया। शिव भक्त गंगा जल या अन्य पवित्र नदियों से जल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए इस यात्रा में भाग लेते हैं।
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: Sawan मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर उनकी पूजा और अर्चना की जाती है।
- सावन सोमवार: Sawan के मास में शिव भक्त अधिकांश सोमवार को विशेष भक्ति और पूजा करते हैं, क्योंकि सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है।
सावन मास में विशेष रूप से हिंदू धर्म के शिव भक्त अपने अंतरंग और आध्यात्मिक संबंध को मजबूत बनाने के लिए भक्ति और तपस्या के साथ विशेष आयोजन करते हैं।
भारतीय संस्कृति में इस मास को विभिन्न पर्वों और उत्सवों के लिए विशेष महत्व दिया जाता है और लोग धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
इस मास में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम, भजन संध्या, सत्संग और संगठनित धार्मिक अध्ययन आयोजित किए जाते हैं। Sawan में अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों के माध्यम से हिंदू समाज एकता और समरसता की भावना को स्थायी बनाने का प्रयास करता है। Sawan मास में रक्षा बंधन भी मनाया जाता है, जो भाई-बहन के प्रेम और बंधन का प्रतीक होता है।