shivratri

Shivratri

शिवरात्रि भारतीय हिंदू कैलेंडर में माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है। यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित होता है और शिव भक्तों द्वारा पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। Shivratri का अर्थ होता है “शिव की रात्रि” जिसे रात के अंधेरे में भगवान शिव की पूजा एवं व्रत के साथ बिताया जाता है।

Shivratri को शिवलिंग पर जल, धूप, बेल पत्र, फूल और फल चढ़ाकर, भजन-कीर्तन करके, भगवान शिव की कथा सुनकर और उनके ध्यान में लगकर व्रत करके मनाया जाता है। यह रात्रि भक्तों के लिए आत्मीयता और ध्यान की एक अद्भुत अवसर होती है जिसमें वे भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं।

शिवरात्रि को नियमित रूप से निम्नलिखित विधि से मनाया जाता है:

  1. दिनभर उपवास करना: भक्त शिवरात्रि के दिन नौ घंटे तक उपवास करते हैं।
  2. शिवलिंग पूजा: भक्त शिवलिंग पर जल, धूप, दीप, बेल पत्र, फूल, अक्षता (अनाज के अभिषेक के लिए चावल) और पानी चढ़ाते हैं।
  3. भजन-कीर्तन: शिवरात्रि के दिन भक्त भजन और कीर्तन करके भगवान शिव की महिमा गाते हैं।
  4. शिव कथा सुनना: भक्त भगवान शिव की कथा और कथाएं सुनकर उनके लीला-कथा का आनंद लेते हैं।
  5. महत्वपूर्ण दान: इस विशेष दिन पर भक्त दान करते हैं और दरिद्र लोगों की सेवा करते हैं।
  6. ध्यान और धार्मिक अनुष्ठान: भक्त शिवरात्रि के दिन ध्यान, धार्मिक अनुष्ठान और साधना करते हैं जो उन्हें शिव के साथ अधिक आत्मीयता महसूस करने में मदद करते हैं।

Shivratri को भगवान शिव की भक्ति और श्रद्धा से मनाने से मान्यता है कि भगवान शिव भक्त के सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उन्हें मुक्ति और शांति प्रदान करते हैं।

Shivratri के दिन लोग नैतिकता, शुद्धता और ध्यान को महत्वपूर्ण मानते हैं।

यह एक ऐसा अवसर होता है जब भक्त अपने मन को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं और भगवान शिव के प्रति अपनी सच्ची भक्ति और श्रद्धा का प्रदर्शन करते हैं।

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