Shri Krishna Janmashtami
श्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं और विष्णु भगवान के आठवें अवतार माने जाते हैं। उन्हें भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार या पूर्णांश रूप में भी जाना जाता है। श्रीकृष्ण के चरित्र, उनके गुण और उनकी लीलाएं हिंदू धर्म में अद्भुत प्रेम और भक्ति का प्रतीक हैं। श्रीकृष्ण के जन्म भारतीय कला, संस्कृति, धर्म, और शास्त्रीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
Shri Krishna Janmashtami श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हिन्दू धर्म में एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
यह त्योहार हिंदू पंचांग के भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है, जो अगस्त और सितंबर के बीच होती है।
Shri Krishna Janmashtami को धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान के भक्त इस दिन को व्रत रखते हैं|
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्त श्रीकृष्ण के जन्म स्थलों, श्रीकृष्ण मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा और भक्ति का अवसर बनाते हैं। श्रीकृष्ण के जन्म स्थलों में विशेष पूजा अर्चना, भजन, कीर्तन, रसलीला, नाटिका और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन मक्क्हन मिश्री, पायस, बुर्फी, मुरब्बा, पंजिरी और फल के नैवेद्य की भोग श्रीकृष्ण को चढ़ाए जाते हैं। भगवान के लीला-कथाओं के सुनने और गाने में भक्त खोये रहते हैं और भजनों में रंगा हुआ आत्मा ध्यान में खो जाता है।
इस त्योहार को विशेष रूप से मठों और वृंदावन जैसे स्थानों पर धूमधाम से मनाया जाता है, जहां भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थल और उनके लीला स्थल हैं।
लोग भक्तिभाव से इसे मनाते हैं और श्रीकृष्ण के लीला का आनंद लेते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। Shri Krishna Janmashtami के दिन भक्त भजन, कीर्तन, नृत्य, और धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। लोग अपने घरों में, समुदायिक केन्द्रों में, मंदिरों और धार्मिक स्थलों में भजन संध्याओं, संस्कृतिक कार्यक्रमों और कथा-कीर्तन की आयोजन करके इसे धूमधाम से मनाते हैं।